Difference between Hub and Switch in networking - In Hindi
Hub एक नेटवर्किंग डिवाइस जो की आने वाले सभी तरह की information को नेटवर्क मे आगे extend करता है | इस प्रकार hub को जो भी information मिलती है ये उसको अपने से कनेक्टेड सभी devices मे पास करता है बिना ये जाने की वो information/data किस डिवाइस के लिए आई है | हब के पास ऐसा कोई mechanism नहीं होता की वो identify कर सके की आई हुई information नेटवर्क मे किस डिवाइस के लिए है| इसलिए ये सभी इनफार्मेशन पैकेट्स को नेटवर्क मे ब्रॉडकास्ट करता है| जब devices के पास इनफार्मेशन जाती है तो वो identify करती है की ये इनफार्मेशन हमारे लिए है या नहीं, नहीं तो वापस से पैकेट्स को हब के पास भेज देती है | इस प्रकार हब मे नेटवर्क ट्रैफिक ज्यादा होता है एवं इसलिए ही हब को नॉन-इंटेलिजेंट डिवाइस भी कहा जाता है | Hub को छोटे नेटवर्क मे (जहाँ पर network ट्रैफिक ज्यादा क्रिटिकल नहीं होता) use करना ज्यादा अच्छा होता है| इसमे half duplex transmission mode होती है |
Switch को इंटेलिजेंट डिवाइस भी कहा जा सकता है| स्विच को छोटे एवं बड़े सभी तरह के नेटवर्क मे use किया जा सकता है | स्विच मे जब किसी डिवाइस से कोई इनफार्मेशन आती है तो switch उस इनफार्मेशन को ब्रॉडकास्ट नहीं करता| Switch के पास अपना data स्टोर करने का स्पेस होता है जहाँ पर वो चेक करता है की आने वाला पैकेट किसी डिवाइस के लिए है | स्विच के पास सभी नेटवर्क devices के फिजिकल एड्रेस सेव होते है, उनको चेक करने के बाद स्विच इनफार्मेशन को सीधे उस डिवाइस पर भेज देता है एवं information को broadcast किये बिना| इससे नेटवर्क मे पैकेट ट्रांसफर की स्पीड भी फ़ास्ट होती है एवं network मे unnecessary ट्रैफिक भी नहीं बढ़ता | इसमे half /Full duplex transmission mode होती है |
Hub Vs Switch |
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