What is Kerberos Protocol and how authentication process works steps by step, role of Kerberos in active directory in Hindi
Kerberos Protocol एक नेटवर्क authentication protocol होता है यह secret-key cryptography को use करते हुए client-server applications के बीच strong authentication प्रोवाइड करता है|
Kerberos Protocol के कुछ important characteristics निचे दिए हुए है -
1. यह secure है - यह बिना encryption के कभी भी पासवर्ड नहीं भेजता है
2. Single login per session - एक बार login करने के बाद यह उसी login information को use करते हुए resources को authenticate करता है एवं बार बार login required नहीं होता है |
3. यह mutual authentication perform करता है - इसमे client सर्वर की identity को approve करता है एवं server क्लाइंट की identity को |
4. The concept depends on a trusted third party - a Key Distribution Center (KDC). KDC को नेटवर्क के सभी systems के बारे मे पता होता है एवं KDC पर सभी system trust करते है |
Kerberos Protocol |
1. यह secure है - यह बिना encryption के कभी भी पासवर्ड नहीं भेजता है
2. Single login per session - एक बार login करने के बाद यह उसी login information को use करते हुए resources को authenticate करता है एवं बार बार login required नहीं होता है |
3. यह mutual authentication perform करता है - इसमे client सर्वर की identity को approve करता है एवं server क्लाइंट की identity को |
4. The concept depends on a trusted third party - a Key Distribution Center (KDC). KDC को नेटवर्क के सभी systems के बारे मे पता होता है एवं KDC पर सभी system trust करते है |
Kerberos ने ही Ticket-Granting Server (TGS) के concept को introudce किया था जिसमे की क्लाइंट जो की कोई सर्विस use करना चाहता है उसको एक ticket receive करना होता है इस टिकट मे time-limited cryptographic message होता है जिससे की सर्वर को access किया जा सकता है | Kerberos को एक Authentication Server (AS) भी चाहिए होता है जो की क्लाइंट्स को verify कर सके | दो servers को मिला कर KDC बनता है एवं active directory, KDC का function परफॉर्म करता है |
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